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Saturday, March 10, 2012

शहनाई


सुहानी  रात  है  आई, तुम, मैं और तन्हाई,
बाहों में बादल की , ली चाँद ने अंगडाई!

जुल्फों ने अच्छा हुआ छुपा ली रुख की चांदनी,
वरना दिल चुरा लेती मेरा, आज तेरी रानाई ! (beauty)

तेरी मेरी उलझन क्या और नहीं फिर बढ़ जाती,
गाता  कोई  गीत, अगर बजने लगती शहनाई!