उसका मिलना, और सारी हदें तोड़ के मिलना,
अच्छा लगा मुझे, उसका हर मोड़ पे मिलना !
हाथ से हाथ मिलाता रहा ज़माना अबतक
दिल छू गया, उसका दिल जोड़ के मिलना !
ज़ख्म उसके थे और अहसास मेरे दिल के
वो पाँव के छाले, शोलों पे फोड़ के मिलना !
घर उसका, मेरे बिना भी रहता खूबसूरत
पर मेरे लिए, अपना घर तोड़ के मिलना !
काश कोई शाम आये, और लौट आये वो
याद आता है उसका गली के मोड़ पे मिलना!
gr8 bhai....
ReplyDeleteKya bat hai......
"घर उसका, मेरे बिना भी रहता खूबसूरत
पर मेरे लिए, अपना घर तोड़ के मिलना "
tnx buddy
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