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Saturday, June 29, 2013

Monday, June 17, 2013

फेसबूकिये

बुकी शब्द सुनते ही आईपीएल काण्ड की याद ताज़ा हो जाती है ! माननीय श्रीसंत जी को, जो आज कल अपना समय धार्मिक कार्यों में व्यतीत कर रहे है, इस नाम से काफी डर लगने लगा होगा! अब मैं कोई क्रिकेटर तो हूँ नहीं की बुकी  से डरु परन्तु  मुझे एक प्रकार के बुकी से बहुत डर लगता है , ये हैं "फेसबूकिये" ! इनकी पहचान करना काफी  आसान है, जब भी आप फेसबुक लॉग इन करेंगे इनके नाम के आगे हरी बत्ती जलती हुई दिखाई देगी और इनके स्टेटस अपडेट हर दस मिनट के अंतराल पे अपनी उपस्तिथि दर्ज कराते रहेंगे ! कुछ फेसबूकिये तो अपने स्थायी निवास के पते में फेसबुक लिखने लगे हैं ! इनसे पूछिए आप कहाँ रहतें हैं तो जवाब मिलेगा " फेसबुक पे"! ये तो बात हुई फेसबूकिये की परिभाषा की, आइये इनके कुछ प्रकार से भी आपको अवगत कराते  हैं!

पहले हैं, "फेसबूकिये सर्वव्यापी" , ये फेसबुक पे हर जगह पाए जाते हैं, कोइ पेज लाइक करिए कहीं जाइये ये वहां उपस्थित मिलेंगे ! हर स्टेटस अपडेट को लाइक करना  और  कमेंट करना अपना परम धर्म समझते हैं ! कोई अपडेट बाकी न रह जाए, अगर लाइक बटन मिल जाए तो सिर्फ उसे दबाये न बल्कि निचोड़ के उसका खून भी पी जाएँ! इनसे संभल के रहने में ही भलाई है!

दुसरे हैं फेसबूकिये ज्ञाता , इन्हें हर चीज़ का ज्ञान है और हर जगह ये ज्ञान बांचते फिरते हैं, ये गलती से भी आपका अपडेट न कभी लाइक करेंगे न कमेंट लेकिन ज्युन्ही आपने अपडेट में कुछ गलती की ये उसको सुधारने जाने कहाँ से टपक पड़ते हैं ! "भाई  आपने लिखा है गाँधी जी का जन्म गुजरात में हुआ था जबकि सही ये है की उनका जन्म पोरबंदर, गुजरात में हुआ था" मजबूर होकर आपको इनसे माफ़ी मांगनी ही पड़ती है!       " ठीक है मेरे बाप तू सही मैं गलत "! कभी कभी मन में सोचता हूँ बेटे बोल ले फेसबुक पे अब पब्लिक में तुझे क्या समझाऊ !

तीसरे हैं फेसबूकिये  कलाकार ,  इनकी संख्या बहुत तेज़ी से बढ़ रही है , कोई कैमरा लेकर खड़ा है कोई कलम लिए , कोई शायर है कोई  गायक है और ना जाने कौन से हुनर लिए खड़े हैं ! इनकी ख़ास बात ये हैं की अपने आप को बुध्जीवी ही नहीं बल्कि एक मंझा हुआ कलाकार समझते हैं! कुछ तो अपनी तुलना महान कलाकारों से भी करने से नहीं  कतराते! भारतीय साहित्य, सभ्यता और कला को जितना नुक्सान ये लोग पहुंचा रहे हैं इंतना नुक्सान तो ब्रितिशर भी न पहुंचा सके!

चौथे हैं फेसबूकिये लवेरिये, एक ज़माने में प्रेमी प्रेमिका से इसलिए बिछड़ जाता था की किसी पे पास संपर्क साधने का कोई साधन ही नहीं था, लेकिन आज के दौर में लोग फेसबुक पे अपना मुर्दा प्यार भी जिंदा किये ले रहे हैं! ये 12 th   क्लास वाली हैं , ये ग्रेजुएशन वाली, ये जॉब वाली, सबसे संपर्क सधा हुआ है! कुछ लोग तो फेसबुक पे ही लड़की  ढून्ढ रहे हैं, प्यार कर रहे  हैं , और शादी भी कर ले रहे हैं! इस चलन की लोकप्रियता को देखते हुए मार्क जुकरबर्ग कुछ वैज्ञानिकों के साथ मिल कर फेसबुक पे बच्चा पैदा करने की तकनिकी विकसित करने की कोशिश कर रहे हैं!

आप भी ज़रूर ऐसे कुछ फेसबूकियों को जानते होंगे, संभल के रहिएगा!

उत्कर्ष

Saturday, May 04, 2013

Jadoogari

uff ye jadoogari tumne seekhi kahan,
dil mera ek pal me ghum ho gaya...

Wednesday, April 03, 2013

Lady Doctor


Safed coat pehne,
Hathon me stethoscope liye,
Mareez ki nabz ko maapti,
Fir aakhon me jhaankti,
Lady Doctor.

Kitni shiddat se,
Mareez ka muayaana karti,
Fir parche par kuch likhti,
Pursukoo.n lahje me kehti,
Ye do goli subah, ye ek sham me,
Mareez ke chehre par shikan dekh kar
Fir isi baat ko dohraati ,
Aur mud jaati,
Agle mareez ki jaanib.

Main use ek t.ak dekhta raha,
Aur sochta raha,
Kuch logo.n ke chehre,
Unke profession se kitne milte hain,
Shaffaak, pursukoo.n aur farishtanuma.....

Monday, March 04, 2013

Ek sher

Tum mujhe bemurawwat kaho ya badsalook,
main bura sahi, tumhara bhala chahta hun......

Saturday, February 23, 2013

Is bheed me


Dar hai kahin na choot jaaye, Tera haath mujhse is bheed me
kahin chah kar bhi na mile, tera saath mujhse is bheed me

mujhe laga tha ki ab kabhi, na baras sakegi koi khushi,
khile abr-e-ishq jo mil gayi, teri nigaah mujhse is bheed me

tere pyar ki thi mujhe khabar, na keh saka kuch isliye,
darta tha na toot jaaye, tera khwaab mujhse is bheed me

zara faasla jo tay hua, main thithak ke fir ruk gaya,
kahin ittefaqan mil na jaaye, teri raah mujhse is bheed me

mujhe zindagi se kya gila, ki is bewafa se kya mila,
mile haadse nigaah se, aur haar mujhse is bheed me

Pic Source : http://images.fineartamerica.com/images-medium-large/a-face-in-a-crowd-joanne-claxton.jpg

Sunday, February 17, 2013

Silsila Aansuon ka


Fir wahi silsila aansuon ka
Shikwa-o-gila aansuon ka

Dard ki zameen par,
Hai ek kila aansuon ka...

In aakhon ki duniya me,
Har shaks mila aansuon ka...

Usne muhabbat me diya,
dil ko sila aansuon ka...

Yaadon ke mausam me,
Har phool khila aansuon ka...