Friday, February 10, 2012
Tuesday, January 31, 2012
मुख्तलिफ
जिसे हमने चाहा था, उसकी कुछ और ही बातें थीं!
कर के दर्दमंद जो जिंदगी को, चला गया,
उसी की याद में उम्र भर, बहुत उदास रातें थीं!
लगता है शब् के फूल अब और न खिल सकेंगे
अपने नसीब में खत्म, चाँद से मुलाकातें थीं!
सर्द रात का मंज़र नज़र से बिखर गया,
वो ठौर आ गया जहाँ धुप की सौगातें थीं!
मुख्तलिफ: different
जहीन : intelligent
Picture Source: http://www.oilpaintingsonline.com/painting_images/paint_9307indian%20woman%20-Acrylic-12x18.jpg
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रानाई
कौन आएगा यहाँ, किसके लिए दिया जलाये बैठे हो
ये तारीकी हमसफ़र है, ये रात की रानाई हौसला है
तारीकी: darkness
रानाई: beauty
रानाई: beauty
Tuesday, December 27, 2011
वो साथ चल भी सकता था
चाहता तो वो साथ चल भी सकता था,
आख्नों में उसकी मगर मखमली नज़ारे थे !
राहों में मेरी चट्टानें थी, तूफ़ान थे,
आँखों में उसकी सुनहरी लहरें और किनारे थे !
साथ मेरे चलता तो उसे क्या मिलता ,
पैरों तले मेरे सिर्फ और सिर्फ अंगारे थे !
सीने से लगाया जिनको समझ के दोस्त ,
अस्ल में वही लोग दुश्मन हमारे थे !
जब भी मुड़कर देखा खुद को, तो पाया
हम थे तनहा , मगर साथ में तुम्हारे थे !
आख्नों में उसकी मगर मखमली नज़ारे थे !
राहों में मेरी चट्टानें थी, तूफ़ान थे,
आँखों में उसकी सुनहरी लहरें और किनारे थे !
साथ मेरे चलता तो उसे क्या मिलता ,
पैरों तले मेरे सिर्फ और सिर्फ अंगारे थे !
सीने से लगाया जिनको समझ के दोस्त ,
अस्ल में वही लोग दुश्मन हमारे थे !
जब भी मुड़कर देखा खुद को, तो पाया
हम थे तनहा , मगर साथ में तुम्हारे थे !
Thursday, October 13, 2011
Tuesday, September 06, 2011
Saturday, June 11, 2011
ज़िन्दगी
ज़िन्दगी, अपने हाथों में तुम्हारा हाथ लेकर,
पूछेगी, तुमने क्या हासिल किया?
तुम्हारे ज़वाब में होगा, बंगला, गाड़ियाँ, दौलत, शोहरत!
और ज़िन्दगी किसी मनचली लड़की की तरह हंसकर,
तुमसे बहुत दूर चली जाएगी!
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