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Saturday, March 10, 2012

शहनाई


सुहानी  रात  है  आई, तुम, मैं और तन्हाई,
बाहों में बादल की , ली चाँद ने अंगडाई!

जुल्फों ने अच्छा हुआ छुपा ली रुख की चांदनी,
वरना दिल चुरा लेती मेरा, आज तेरी रानाई ! (beauty)

तेरी मेरी उलझन क्या और नहीं फिर बढ़ जाती,
गाता  कोई  गीत, अगर बजने लगती शहनाई!

Friday, February 10, 2012

फ़िज़ूलखर्च




याद आता है एक एक पैसा, फ़िज़ूल ख़र्च किया हुआ,
जब मेरी जेब में एक भी पैसा नहीं होता !  





Picture Source: http://images01.olx.in/ui/11/38/51/1302521276_187863751_2-1-naya-paisa-of-india-Delhi.jpg




Tuesday, January 31, 2012

मुख्तलिफ

बड़ा मुख्तलिफ चेहरा था, बड़ी ज़हीन आँखें थी !
जिसे हमने चाहा था, उसकी कुछ और ही बातें थीं!

कर के दर्दमंद जो जिंदगी को, चला गया,
उसी की याद में उम्र भर, बहुत उदास रातें थीं!

लगता है शब् के फूल अब और न खिल सकेंगे 
अपने नसीब में खत्म, चाँद से मुलाकातें थीं!

सर्द रात का मंज़र नज़र से बिखर गया,
 वो ठौर आ गया जहाँ धुप की  सौगातें थीं!

 मुख्तलिफ: different
जहीन : intelligent

Picture Source: http://www.oilpaintingsonline.com/painting_images/paint_9307indian%20woman%20-Acrylic-12x18.jpg
 

रानाई

कौन आएगा यहाँ, किसके लिए  दिया जलाये बैठे हो
ये तारीकी हमसफ़र है, ये रात की रानाई हौसला है

तारीकी: darkness
रानाई: beauty


Tuesday, December 27, 2011

वो साथ चल भी सकता था

 चाहता  तो  वो साथ  चल भी सकता  था,
आख्नों  में  उसकी मगर  मखमली  नज़ारे  थे !


राहों  में  मेरी  चट्टानें   थी, तूफ़ान  थे,
आँखों  में  उसकी  सुनहरी  लहरें  और  किनारे  थे !


 साथ  मेरे चलता  तो  उसे  क्या  मिलता ,
 पैरों  तले  मेरे सिर्फ  और  सिर्फ  अंगारे  थे !


सीने  से  लगाया जिनको  समझ  के  दोस्त  ,
अस्ल   में  वही  लोग  दुश्मन  हमारे थे !


जब  भी  मुड़कर  देखा  खुद  को, तो  पाया
हम थे तनहा  , मगर  साथ  में  तुम्हारे  थे !

Thursday, October 13, 2011

दुआ

जब  दुआ  के  लिए  हाथ  उठाये ,
तो  जुड़ी  हथेलियों  की  चांदनुमा  लकीरों  में 
तुम्हे  देखा  किये 
और  दुआओं  में 
तुम्हे  माँगा  किये!

Tuesday, September 06, 2011

मुफलिसी(poverty) वो  आईना  है  जिसमे,
अपने  पराये  पहचाने  जाते  हैं