मेरी एक तम्मना है
तुम हमेशा मुस्कुराती रहो
मेरी बाँहों में न सही
ख्वाबों में आती रहो!
रौशनी बिखरे आंखों से
और होटों से फूल
बनके बहार तुम
ये फिजा महकती रहो!
दर्द से फासला रहे
न कहीं रहे प्यास
महकती रहे बदन की डाली
तुम हमेशा बलखाती रहो!
फ़रिश्ते देखें हैरां हो
हूर तुमसे पशेमान हो
कभी चाँद बनो कभी
तारे बन झिलमिलाती रहो!
मेरी एक तम्मना है
तुम हमेशा मुस्कुराती रहो ..............
तुम हमेशा मुस्कुराती रहो
मेरी बाँहों में न सही
ख्वाबों में आती रहो!
रौशनी बिखरे आंखों से
और होटों से फूल
बनके बहार तुम
ये फिजा महकती रहो!
दर्द से फासला रहे
न कहीं रहे प्यास
महकती रहे बदन की डाली
तुम हमेशा बलखाती रहो!
फ़रिश्ते देखें हैरां हो
हूर तुमसे पशेमान हो
कभी चाँद बनो कभी
तारे बन झिलमिलाती रहो!
मेरी एक तम्मना है
तुम हमेशा मुस्कुराती रहो ..............
Lovely poem...gr8 demo of true luv...
ReplyDeleten yeah thnx for the compliment on ma poem...
tnx monali
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